Shri Shani Dev Aarati
आरती श्री शनिदेव
आरती श्री शनिदेव जी की
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हिकारी ।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥ जय ॥
श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।
नालाम्बर धार नाथ गज की अवसारी ॥ जय ॥
क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी ।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥ जय ॥
मोदक मिष्ठान पान चढ़त है सुपारी ।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥ जय ॥
दे दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी ।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥ जय ॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हिकारी ।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥ जय ॥
श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।
नालाम्बर धार नाथ गज की अवसारी ॥ जय ॥
क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी ।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥ जय ॥
मोदक मिष्ठान पान चढ़त है सुपारी ।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥ जय ॥
दे दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी ।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥ जय ॥
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