These days various people are debating about Shaivism and Vaishnavism. There's been certain leaders saying Lord Vishnu is great and some saying Lord Shiva is great.
Veda Vyasa is the author of all the Vedas and Purans. He himself said Devi the mother of this whole universe including Lord Vishnu and Lord Shiva. He even said that without the recite of Devi Bhagavatam there is no liberation. Thus, the following stanza from Devi Bhagavatam proves that Lord Shiva and Lord Vishnu are the same.
कदाचिद् देवदेवो मां ध्यायत्यमितविक्रम: ।ध्यायाम्यहं च देवेशं शंकर त्रिपुरान्तकम् ॥
शिवस्याहं प्रिय: प्राण: शंकरस्तु तथा मम । उभयोरन्तरं नास्ति मिथ: संसक्तचेतस: ॥
नरक यान्ति ते नूनं ये द्विषन्ति महेश्वरम् । भक्ता मम विशालाक्षि सत्यमेतद् ब्रवीम्यहम् ॥
भगवान् विष्णु बोले – प्रिये ! मैं हृदयमें जिनका ध्यान कर रहा हूँ, उनका परिचय देता हूँ, सुनो । पार्वतीपति भगवान् शंकर सबसे प्रधना माने जाते हैं । तुरंत प्रसन्न हो जाना उनका स्वाभाविक गुण है ! उन देवधिदेवके पराक्रमकी कोई सीमा नहीं है । कभी तो ऐसा होता है कु त्रिपुरासुरका वध करनेवाले वे देवेश मेरा ध्यान करते हैं और मैं उनका करता हूँ । उनका प्रिय प्राण मैं हूँ और मेरे प्रिय प्राण वे हैं । हम दोनोंका चित्त परस्पर गुँथा हुआ है । अत: दोनोंमें किंचिन्मात्र भेद नहीं समझना चाहिये । विशाललोचने ! जो भगवान् शंकरसे द्वेष करते हैं, वे मेरे भक्त ही क्यों न हों; किंतु नरकमें जाना उनके लिये अनिवार्य है । मैं यह बलकुल सत्य बता रहा हूँ ।
- श्रीमद्देवी भागवतमहापुराणम् ६\१८\४५-४७