Saturday, November 15, 2008

श्री सत्यनारायण जी की आरती (Om Jai Laxmi Ramana)

श्री सत्यनारायण जी की आरती


ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी जय लक्ष्मीरमणा |

सत्यनारायण स्वामी, जन पातक हरणा

रत्नजडित सिंहासन, अद्भुत छवि राजें |

नारद करत निरतंर घंटा ध्वनी बाजें ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी.....

प्रकट भयें कलिकारण, द्विज को दरस दियो |

बूढों ब्राम्हण बनके, कंचन महल कियों ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी.....

दुर्बल भील कठार, जिन पर कृपा करी |

च्रंदचूड एक राजा तिनकी विपत्ति हरी ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी.....

वैश्य मनोरथ पायों, श्रद्धा तज दिन्ही |

सो फल भोग्यों प्रभूजी, फेर स्तुति किन्ही ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी.....

भाव भक्ति के कारन छिन छिन रुप धरें |

श्रद्धा धारण किन्ही, तिनके काज सरें ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी.....

ग्वाल बाल संग राजा, वन में भक्ति करि |

मनवांचित फल दिन्हो, दीन दयालु हरि ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी.....

चढत प्रसाद सवायों, कदली फल मेवा |

धूप दीप तुलसी से राजी सत्य देवा ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी.....

सत्यनारायणजी की आरती जो कोई नर गावे |

ऋद्धि सिद्धी सुख संपत्ति सहज रुप पावे ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी.....

ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी जय लक्ष्मीरमणा |

सत्यनारायण स्वामी, जन पातक हरणा ॥




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